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*इंजीनियर रवि रविंद्र को जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 में मिल रहा भरपूर जनसमर्थन*

 


*इंजीनियर रवि रविंद्र को जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 में मिल रहा भरपूर जनसमर्थन*


छत्तीसगढ़ परिदर्शन -लवन।

 प्रदेश मे नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना संपन्न होते ही सभी क्षेत्र के नगरवाशियों कों अपना अपना मुखिया मिल गया है और इसी के साथ चुनाव आयोग ने भी निकाय क्षेत्रों मे आचार संहिता शून्य क़र दिया है। वही दूसरी ओर प्रदेश भर मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी जोरो शोरो से देखी जा रही है। इसी बीच जिला बलौदाबाजार मे जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 सबसे ज्यादा कौतूहल का विषय बना हुआ है। बता दे की इस क्षेत्र मे विभिन्न पार्टियों के कद्दावर नेताओं के बीच होने वाली घमाशान लोगों कों सोंचने पर मजबूर क़र दिया है। क्षेत्र क्रमांक 10 में बड़े बड़े शुरमाओं के बीच होने वाली टक्कर से चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। विभिन्न प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए अलग-अलग रणनीतियाँ अपना रहे हैं, लेकिन इस बार की सबसे खास बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी समर्थित प्रत्याशी इंजीनियर रवि रविंद्र को मिल रहे अपार जनसमर्थन ने पूरे चुनावी समीकरण को बदल कर रख दिया है। शिक्षित युवा नेता रवि रविंद्र का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे बिना किसी प्रलोभन या धनबल के जनता का समर्थन प्राप्त कर रहे हैं।



*विकास के लिए संकल्पित रवि रविंद्र, चक्की छाप में वोट डालने कर रहे सतत जनसम्पर्क*


रवि रविंद्र की चुनावी रणनीति पूरी तरह से विकास आधारित है। वे मतदाताओं के बीच लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं कि किस तरह वे क्षेत्र के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे जनता को आश्वस्त कर रहे हैं कि यदि वे चुने जाते हैं, तो क्षेत्र की सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में व्यापक सुधार किया जाएगा। रवि रविंद्र का चुनाव चिन्ह ‘चक्की’ इस चुनाव में जनता के बीच एक मजबूत पहचान बना चुका है। उनके समर्थक घर-घर जाकर लोगों से चक्की छाप पर वोट देने की अपील कर रहे हैं। जनता भी विकास के इस संकल्प को गंभीरता से ले रही है और चक्की छाप को समर्थन देने की बात खुलकर कर रही है।



 *शोषितों-वंचितों के अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी*


रवि रविंद्र का जीवन संघर्ष और सेवा की मिसाल रहा है। वे हमेशा गरीबों, वंचितों और शोषितों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं। क्षेत्र में उनकी छवि एक सच्चे जनसेवक के रूप में बनी हुई है, जो बिना किसी स्वार्थ के लोगों के लिए काम करते हैं। सिस्टम से पीड़ित लोगों कों उनकी हक अधिकार दिलाने के लिए हमेशा संघर्षरत रवि रविंद्र बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल हो, गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात हो या महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यक्रम चलाने की जरूरत हो—रवि रविंद्र हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते आए हैं। यही कारण है कि समाज के हर वर्ग से उन्हें जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।


*इंजीनियर रवि रविंद्र: जनसेवा की मिसाल, विकास के अग्रदूत*


जब राजनीति सेवा का दूसरा नाम बन जाए, जब जनता का हर वर्ग एक नेता को अपना शुभचिंतक मानने लगे, जब ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और दूरदृष्टि किसी एक व्यक्तित्व में समाहित हो—तो वह व्यक्तित्व इंजीनियर रवि रविंद्र के रूप में सामने आता है। सहज, सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी रवि रविंद्र केवल नाम ही नहीं, बल्कि एक विश्वास, एक उम्मीद और एक बदलाव का प्रतीक हैं। उनकी विनम्रता और आत्मीयता हर व्यक्ति को उनका प्रशंसक बना देती है। चाहे गरीब किसान हो, युवा छात्र हो, या कोई सामान्य नागरिक—हर कोई उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानता है।वैसे तों राजनीति में बहुत से चेहरे आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे होते हैं जो जनता की आवाज़ बनकर उभरते हैं। रवि रविंद्र उन्हीं गिने-चुने नेताओं में से हैं, जो हमेशा जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं। सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य—हर विषय पर उनकी गहरी समझ और ठोस कार्ययोजना लोगों को यह विश्वास दिलाती है कि वे विकास की नई इबारत लिखने वाले हैं। उच्च शिक्षित युवा नेता रवि रविंद्र न केवल अनुभव और ज्ञान के धनी हैं, बल्कि उनकी ऊर्जा और जोश उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत बनाती है। वे मानते हैं कि सच्ची राजनीति केवल कुर्सी के लिए नहीं, बल्कि जनता की सेवा के लिए होनी चाहिए। उनकी यही सोच उन्हें बाकी नेताओं से अलग और विशेष बनाती है।वें समाज सेवा की भावना से संकल्पित होकर राजनीति की राह पकड़ी, जहां उनकी योजनाओं और दूरदर्शिता ने उन्हें जनता का चहेता बना दिया। उनकी रणनीति न केवल व्यवहारिक होती है, बल्कि हर वर्ग के विकास को ध्यान में रखती है। वे उन नेताओं में से नहीं हैं जो केवल भाषण देते हैं, बल्कि वे उन विरले राजनेताओं में शामिल हैं जो ज़मीन पर उतरकर जनता की समस्याओं को सुनते और उनका समाधान निकालते हैं। इसी कारण आज हर कोई इस बात को स्वीकार कर रहा है कि जिला पंचायत सदस्य के रूप में रवि रविंद्र से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता। गांवों-कस्बों से लेकर शहर तक उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, और लोग उन्हें विकास और विश्वास का प्रतीक मान रहे हैं।


*पैसे के बल पर चुनाव लड़ रहे अन्य प्रत्याशीयों की रणनीति रवि रविंद्र के आगे फेल साबित हो रही*


बता दे की क्षेत्र क्रमांक 10 मे बड़े बड़े धनाढ्य सुरमा मैदान मे उतरे है तथा उनके द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए खुलेआम पैसे बाटें जा रहे है तथा चुनाव जितने के लिए धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इस बार जनता जागरूक हो चुकी है। लोगों का कहना है कि वे अब झूठे वादों और पैसों के प्रलोभन में आने वाले नहीं हैं। वे एक ऐसे प्रत्याशी को चुनना चाहते हैं,जो उनके भविष्य को संवार सके,न कि जो चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाए। ऐसे में जनता इंजीनियर रवि रविंद्र के पक्ष में मजबूती से खड़ी नजर आ रही है, क्योंकि वे अपनी सेवा और ईमानदारी से जनता का दिल जीत चुके हैं।


*जनता का अपार समर्थन देखकर विरोधियों की उड़ी नींद*


रवि रविंद्र को मिल रही भारी जनसमर्थन ने विरोधी प्रत्याशियों की चिंता बढ़ा दी है। जहां अन्य प्रत्याशी अभी भी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं, वहीं रवि रविंद्र का जनसंपर्क अभियान दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है। उनके समर्थन में बढ़ती भीड़ ने यह साफ कर दिया है कि जनता विकास और ईमानदारी को प्राथमिकता दे रही है। लोग स्वेच्छा से उनके समर्थन में आगे आ रहे हैं, जिससे उनके विरोधियों की नींद उड़ गई है।


*क्षेत्र के विकास के लिए सिर्फ एक विकल्प—रवि रविंद्र*


इस बार के चुनाव में जनता के सामने एक स्पष्ट विकल्प मौजूद है—विकास बनाम दिखावा। मतदाता अब समझ चुके हैं कि क्षेत्र के विकास के लिए केवल रवि रविंद्र ही एकमात्र सही विकल्प हैं। उनके समर्थक न केवल सोशल मीडिया पर बल्कि जमीनी स्तर पर भी उन्हें जिताने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। महिलाओं, युवाओं, किसानों और बुजुर्गों का भरपूर समर्थन देखकर यह साफ हो गया है कि इस बार जनता ने अपने क्षेत्र के भविष्य को संवारने का पूरा मन बना लिया है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 का चुनाव इस बार विकास और ईमानदारी बनाम प्रलोभन और झूठे वादों की लड़ाई बन चुका है। इंजीनियर रवि रविंद्र की बढ़ती लोकप्रियता से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि जनता उन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुनने का मन बना चुकी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी नतीजे किस तरह से इस परिवर्तन की पुष्टि करते हैं

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