*12 वर्षों से बच्चों को नहीं मिला टीचर की सुविधा, युक्त युक्तिकरण से नहीं मिला फायदा*
*मूल स्थान में वापस लौटनेे आदेश के बाद भी नहीं लिया गया कार्यभार ,आखिर किसका संरक्षण*
छत्तीसगढ़ परिदर्शन बलौदा बाजार।
मामला बलौदा बाजार जिला के विकासखंड पलारी का है जहां पर संकुल केंद्र दतान प का है जहां पर 8मार्च 2013, से अधीक्षकीय कार्य हेतु पलारी के हॉस्टल में अटैचमेंट कर दिया गया था जिसे वापस करने के लिए ग्रामीणों तथा शाला प्रबंधन समिति के द्वारा कई बार आवेदन निवेदन किया गया लेकिन उसे वापस नहीं किया गया था, इसी क्रम में शिक्षा सत्र 2025 में सरकार के महत्वपूर्ण निर्देश युक्त युक्ति कारण के अंतर्गत शासकीय नवीन प्राथमिक शाला गुढ़ियारी से एक शिक्षिका शकुंतला जलहरे को अतिशेष शिक्षक होने के कारण दूसरे जगह भेज दिया गया है जिससे स्कूल में पहले से ही एक शिक्षक की कमी थी अब दो-दो शिक्षक की कमी हो रही है, जिसे देखते हुए साल प्रबंधन समिति और पालको के द्वारा बार-बार जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्टर और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया गया कि संबंधित शिक्षिका प्रेमीन ध्रुव जो की संलग्नी कारण के अंतर्गत पलारी में स्थित छात्रावास में है जिसे वापस अपने मूल स्थान पर लाने के लिये 16/06/25,को आवेदन दिया गया जिसे गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर के अनुशंसा पर संबंधित अधिकारी द्वारा दिनांक 17/ 6/2025 को आदेश निकाला गया कि शिक्षिका को तीन दिवस के भीतर मूल स्थान पर वापस लौटने की आदेश जारी किया गया जिसमें एक उम्मीद दिखी कि अब बच्चों को शिक्षक की कमी नहीं होगा लेकिन आदेश की अवहेलना करते हुए संबंधित शिक्षिका के द्वारा जॉइनिंग नहीं लिया गया जोकि सरकार के आदेशों का खुला खुला विरोध है। जिस पर पुन शाला प्रबंधन समिति के द्वारा 24/ 6 /2025 को जिला कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया गया जिसमें 30/ 6/ 25 को संबंधित शिक्षिका के द्वारा जॉइनिंग नहीं लिया जाता तो तालाबंदी करने की घोषणा की गई थी, जिसमें बच्चों के भविष्य को देखते हुए साला प्रबंधन समिति का बैठक लिया गया जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 7/7 /2025 को साला प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा तब तक संबंधित शिक्षिका आ जाएगा ऐसा सभी लोगों का मानना था। इसकी सूचना शाला प्रबंधन समिति के द्वारा संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को दिया गया जिस पर संज्ञान लेने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है।
*क्या शिक्षिका को आदेश का अवहेलना का कोई डर नहीं या कुछ और*
बता दे की सरकार के द्वारा युक्त युक्तिकरण का निर्णय पूरे छत्तीसगढ़ में पालन किया जा रहा है लेकिन 2013 से अटैचमेंट में रह रही शिक्षिका प्रेमीन ध्रुव के ऊपर लागू नहीं होता,क्या संबंधित शिक्षिका को सरकार के नियमों का कानून का कोई भय नहीं है,या कोई राजनीतिक संरक्षक मिल रहा है जिससे निडर होकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है,। क्या संबंधित अधिकारी के ऊपर कोई कानूनी कार्यवाही की जाएगी या यूं ही ऐसे छोड़ दिया जाएगा,यह तो खबर प्रकाशन के बाद ही पता चलेगा फिर हाल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
*12 वर्षों तक आवेदन के बाद भी कार्यवाही ना होना शासन के ऊपर लग रहे हैं कई गंभीर आरोप*
बता दे कि विकासखंड पलारी अंतर्गत संकुल केंद्र दतान प में शिक्षिका प्रेमीन ध्रुव को वापस बुलाने के लिए कई बार अधिकारी कर्मचारी को अवगत कराया गया लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं हुई थी इससे क्या समझा जाए,क्या राजनीतिक संरक्षण या अधिकारी की मिली भगत से इस प्रकार कार्य किया जा रहा था।
*युक्त युक्ति कारण का भी प्रभाव शून्य*
बता दे की सरकार के द्वारा युक्त युक्ति कारण के नाम पर सिर्फ और सिर्फ आदेशों की अनदेखी की जा रही है बता दे कि यह गिने-चुने लोगों के ऊपर ही लागू होता है इस प्रकार राजनीतिक संरक्षण प्राप्त व अधिकारियों के द्वारा संरक्षण प्राप्त लोगों को ऊपर युक्त युक्ति कारण का कोई प्रभाव नहीं हो रहे हैं,ऐसे कई उदाहरण है जिसका प्रभाव सिर्फ ऐसे कर्मचारियों के ऊपर होता है जिनका कोई राजनीतिक पकड़ और अधिकारियों में समन्वय नहीं होता है। बाकी आधिकारिक पहुंचे और राजनीतिक पकड़ के कारण इस प्रकार की व्यवस्था सामने आ रही है,। अगर नियम सभी लोगों के ऊपर लागू होती है तो प्रेमीन ध्रुव जो की 2013 से अटैचमेंट में है और उसे आदेश दिया गया है कि तीन दिवस के भीतर अपने मूल स्थान पर वापस लाया जाए इस प्रकार आदेशों को भी ठेंगा दिखाते हुए लापरवाही बरती जा रही है, इस प्रकार किसका संरक्षण प्राप्त है यह चर्चा का विषय है इससे यह कहा जा सकता है कि युक्त युक्ति कारण से कोई प्रभाव नहीं है।
*उच्च अधिकारी क्यों नहीं कर रहे हैं कार्यवाही*
बाद लगातार चर्चा में है कि इस प्रकार 12 वर्षों से किसी दूसरे जगह संलग्न कारण में पदस्थ शिक्षक का के ऊपर संबंधित उच्च अधिकारी के द्वारा किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं की जा रही है जो चर्चा का विषय बना हुआ है इसमें कोई राजनीतिक संपर्क है या कुछ और जिस अधिकारी कर्मचारी कार्यवाही के नाम पर चुपी साधे हुए हैं उच्च अधिकारियों का कार्यवाही के नाम पर क्यों हाथ पैर फूल रहे हैं यह सोचने वाली बात है।
*लापरवाह शिक्षिका के ऊपर कब होगी कार्यवाही*
सरकार के नियमों को ठंडा दिखाने वाले लापरवाह शिक्षिका के ऊपर आखिर कार्यवाही कब होगी क्या शिक्षिका नहीं चाहती कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। या अपने मूल स्थान पर जाना ही नहीं चाहते इस पर संबंधित अधिकारी के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है वह देखने वाली बात होगी क्या नियम का डंडा सभी के ऊपर समान रूप से होना चाहिए या नहीं यह तो अधिकारी ही बताएंगे की कार्यवाही कब की जाएगी।
*जनप्रतिनिधि और शाला प्रबंधन समिति की मांग*
जनप्रतिनिधि जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच और शाला प्रबंधन समिति और बच्चों के पालकों की यही मांग है कि बच्चों को सही ढंग से शिक्षा देने के लिए शिक्षक की व्यवस्था की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया गया है जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, साला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के द्वारा ऐसा मांग किया गया है कि अगर शिक्षिका प्रेमीन ध्रुव नहीं आती हैं तो उसे बर्खास्त करते हुए दूसरे शिक्षक भेजा जाए जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, अगर सरकार के द्वारा ऐसा नहीं की जाती है तो 7/7 /2025 को प्रवेश उत्सव रखा गया है जिसका बहिष्कार करते हुए स्कूल में तालाबंदी की जाएगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी इस प्रकार की जानकारी ग्रामीण और जनप्रतिनिधि के द्वारा दी गई है.


