*सरकारी राशि का दुरुपयोग,**जर्जर भवन में हुआ 'दिखावटी सुधार*
*आंगनबाड़ी भवन के नाम पर रंगाई-पोताई से पूरी हुई "जीर्णोद्धार" की प्रक्रिया*
छत्तीसगढ़ परिदर्शन-बलौदाबाजार।
बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम पंचायत बम्हनपुरी में आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-1 के जीर्णोद्धार के नाम पर गंभीर वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जर्जर भवन की मरम्मत की बजाय केवल दीवारों पर रंग-रोगन कर शासकीय राशि का आहरण कर लिया गया।सूत्रों के अनुसार, यह भवन वर्षों पुराना है, जिसकी दीवारें दरक चुकी हैं और लंबे समय से किसी भी प्रकार से उपयोग में नहीं लाया गया है। बावजूद इसके, पंचायत और संबंधित विभाग ने इसे जीर्णोद्धार कार्य दिखाकर सरकारी फंड से 1.22लाख रुपये खर्च कर दिए।
*तारीखों का खेल भी उजागर*
इस भवन के लिए दो अलग-अलग योजनाओं से कार्य स्वीकृत हुआ था।योजना कार्य प्रारंभ कार्य पूर्ण योजना का नाम-
निर्माण कार्य (मनरेगा) 20/03/2023 - महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना स्वीकृत राशि-8.04लाख
जीर्णोद्धार कार्य 10/08/2023 17/09/2023 15वां वित्त आयोग - जनपद विकास निधि स्वीकृत राशि-1.22लाख
पहली योजना के तहत मनरेगा अंतर्गत निर्माण कार्य की स्वीकृति 20 मार्च 2023 को दी गई थी।
वहीं दूसरी ओर, 15वें वित्त आयोग की राशि से इसी भवन के लिए 10 अगस्त 2023 को जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर 17 सितंबर 2023 को कार्य पूर्ण बताया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि जब एक ही भवन के लिए पूर्व में निर्माण कार्य स्वीकृत हो चुका था, तो फिर उसे जीर्णोद्धार दिखाकर पुनः राशि क्यों स्वीकृत की गई?ग्रामवासियों ने बताया कि "भवन आज भी जर्जर हालत में है, न इसमें कोई आंगनबाड़ी संचालित होती है और न ही किसी अन्य गतिविधि के लिए उपयोग हो रहा है। केवल दिखावे के तौर पर रंगाई-पोताई कर सरकारी पैसे को हजम कर लिया गया।"
*क्या कहते हैं ग्रामीण*
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आंगनबाड़ी भवन में कोई गतिविधि ही नहीं हो रही, तो फिर दोबारा रंगाई-पोताई कर किस आधार पर फंड जारी हुआ?
*ग्रामीणों की आवाज़*
> "यह भवन सालों से खंडहर पड़ा है, इसमें कोई आंगनबाड़ी चल ही नहीं रही। न कोई दरवाजा है, न छत सही है, फिर किस बात का जीर्णोद्धार?"
"15वें वित्त की राशि का उपयोग सिर्फ कागजों में"
- पंचायत दस्तावेज़ों में कार्य पूर्ण दर्शाया गया है।लेकिन भवन की स्थिति देख ग्रामीणों ने इसे पूरी तरह से "भ्रष्टाचार" करार दिया है।
-मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।सिर्फ रंग-रोगन से हुआ "जीर्णोद्धार", सरकारी पैसे की बर्बादी
बम्हनपुरी में बंद पड़े आंगनबाड़ी भवन पर लाखों खर्च, ग्रामीण बोले—"खंडहर में कैसे चल सकती है योजना?"
तस्वीर में: रंगाई-पोताई के बाद भी भवन में दरारें, टूटी दीवारें और बंद दरवाजे—जाहिर करता है भ्रष्टाचार।




