*ग्राम हिरमी के सरपंच पर गंभीर कदाचार का आरोप* *ग्रामीणों ने कलेक्टर व CEO को सौंपी लिखित शिकायत*
*नीलामी में अनियमितता, पंचायत आय का निजी उपयोग का मामला आया सामने*
*लगभग ₹1.38 लाख पंचायत खाते में जमा नहीं, निजी उपयोग की आशंका*
छत्तीसगढ़ परिदर्शन- सिमगा
सिमगा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम हिरमी के सरपंच पुनऊ राम भारती पर पंचायत कार्यों में गंभीर अनियमितता, वित्तीय गड़बड़ी और पद का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगा है। गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत सौंपकर जांच की मांग की है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच द्वारा पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 80 और धारा 40 का खुलेआम उल्लंघन किया गया है। विशेष रूप से बाजार नीलामी में बिना प्रस्ताव, बिना सूचना और बिना पर्यवेक्षण अधिकारी के बाजार का अवैध रूप से सौदा कर लाखों की पंचायत आय को निजी उपयोग में लाया गया है।
*शिकायत के मुख्य बिंदु*
*बिना प्रस्ताव और सूचना के बाजार नीलामी*
दिनांक 08 अप्रैल 2025 को सचिव की कलमबद्ध हड़ताल के दौरान बिना किसी अधिकृत अधिकारी की उपस्थिति में बाजार का अवैध रूप से नीलामी किया गया।
*नगद भुगतान का दबाव*
नीलामी में ठेकेदार को नगद भुगतान के लिए मजबूर किया गया। सरपंच ने ठेकेदार को लिखित नोटिस भेजकर जमा नहीं करने पर नीलामी रद्द करने की धमकी दी।
*पंचायत खाता में राशि जमा नहीं*
नीलामी की प्रथम किश्त ₹50,000 की रसीद (क्रमांक 01, दिनांक 08.04.25) के बावजूद राशि पंचायत खाते में जमा नहीं की गई। वहीं दूसरी किश्त की रसीद क्रमांक 02 दिनांक 24.08.25 की बनाई गई, जो तारीख की त्रुटि दर्शाती है।
*कुल ₹1.38 लाख का कोई अता-पता नहीं*
शिकायतकर्ताओं के अनुसार अब तक ₹1,38,000 तक की राशि वसूल की जा चुकी है, जो पंचायत के किसी भी बैंक खाते में जमा नहीं की गई है।
*"सूचना के अधिकार से मिली जानकारी हैरान करने वाली"* – शिकायतकर्ता
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में कई दस्तावेजों में गंभीर विसंगतियां सामने आई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरपंच ने नियमों को जानबूझकर नजरअंदाज किया है।
*प्रशासन से की तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग*
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषी सरपंच के विरुद्ध प्रशासन सख्त कार्रवाई करे, ताकि पंचायत की प्रतिष्ठा और ग्रामीणों के विश्वास को बहाल किया जा सके।


