**आरक्षण प्रक्रिया के बाद चुनावी प्रक्रिया हुई तेज, अब बस तारीख का इंतजार**
*पंचायत चुनाव आरक्षण से कई बड़ी ग्राम पंचायतें हुईं प्रभावित*
छत्तीसगढ़ परिदर्शन -बलौदाबाजार ।आरक्षण प्रकिया पूर्ण होने के बाद राजीनीतिक गतिविधिया तेज होती जा रही है गावों मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के भावी उम्मीदवार द्वारा चुनाव के लिए रायशुमारी चालू हो गयी है भावी उम्मीदवार द्वारा लोगो के समूहों के बीच उठना बैठना प्रारम्भ कर दिए है जिससे चुनाव के सरगर्मिया दिखाई पड़ रही है पंच से लेकर जिला पंचायत के पद के लिए अपने रायशुमारी करने लग गए है पंचायती राज प्रणाली में गाँव या छोटे कस्बे के स्तर पर ग्राम पंचायत या ग्राम सभा होती है जो भारत के स्थानीय स्वशासन का प्रमुख अवयव है। सरपंच, ग्राम सभा का चुना हुआ सर्वोच्च प्रतिनिधि होता है।पंचायत चुनाव की सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही है। मैदान में उतरने वाले आवश्यक अभिलेखों को दुरुस्त कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रहे है। त्रिस्तरीय पंचायत पकी अनुमानतम तिथि जैसे-जैसे निकट आती जा रही है। वैसे हीं मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों व उनके समर्थकों की भीड़ भी विभिन्न अभिलेखों को दुरुस्त कराने के लिए बढ़ती जा रही है। त्रिस्तरीय पंचायत सहित नगरीय चुनाव का बिगुल बस दो-चार दिन में बजने ही वाला है वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 15 जनवरी को होना है। अंतिम प्रकाशन के बाद किसी भी समय आचार सहिंता लग सकता है। चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार अपने-अपने उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं।जनपद पंचायत अध्यक्ष, जनपद सदस्यों और ग्राम पंचायत के सरपंच पदों के आरक्षण की कार्यवाही जनपद पंचायतो में पूरी हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में गांव-गांव से लोग पहुंचे हुए थे । आरक्षण की घोषणा होते ही पंचायत स्तर के चुनाव लड़ने वाले स्थानीय प्रतिनिधियों में कही ख़ुशी तो कही गम देखी जा रही है । कई जगह के आरक्षण को अति उत्साही तो कही पर खासी मायूस है जनप्रतिनिधि।विकासखंड के कई बड़ी ग्राम पंचायतें आरक्षण में प्रभावित हुई हैं। कई ऐसी ग्राम पंचायतें आरक्षण के दायरे में आ गई हैं, जहां की एक-दो परिवार की जनसंख्या है। जैसे ग्राम पंचायत जहाँ उस वर्ग के आबादी न के बराबर है फिर भी उस वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है। कई पंचायत है जहाँ जिस वर्ग आरक्षित है उस वर्ग के लोग पलायन है जो चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है। इसी तरह अन्य कई गांवों की स्थिति है। इस आरक्षण की कार्यवाही से पिछड़ा वर्ग के लोगों में खासी नाराजगी देखी गई है।खैर आरक्षण प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की गयी है इसमें कोई सवाल उठने की कोई बात नहीं है जिला प्रशासन द्वारा नियमों का पालन करते हुए आरक्षण प्रकिया पूर्ण की है।
