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*झरण के नाम पर हेराफेरी करने समिति पर लगे आरोप*

 



*झरण के नाम पर हेराफेरी करने समिति पर लगे आरोप*

*कैमरे से दूर झरण धान को पीछे रखे जाने समिति पर उठ रहे सवाल*

* समिति के प्राधिकृत अधिकारी किशन वर्मा ने कहा बेबुनियाद है आरोप*

छत्तीसगढ़ परिदर्शन - बलौदाबाजार।

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. इस साल खरीफ वर्ष 2024-25 के तहत 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. राज्य में कुल 25.49 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा है. किसानों को 31 हजार करोड़ से भी ज्यादा का भुगतान हुआ है. इस आंकड़े ने साबित कर दिया है कि साय सरकार ने बीते वर्षों के सभी आंकड़ों को धान खरीदी में पीछे छोड़ दिया है लेकिन इसके साथ ही कुछ क़ृषि साख समितियों द्वारा अपने उल्लू सीधा करने के लिये एवं साय सरकार के सफलता को बदनाम का रूप देने का काम कर रही है ऐसे ही एक मामला जिला बलौदाबाजार भाटापारा के पलारी विकासखंड के प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) पंजीयन क्रमांक 217 प्रकाश मे आया है कि उनके द्वारा किसानो पर डाका डालते हुए धान तौल मे धान को बहुत ज़्यादा भूमि मे गिराकर लाखो रूपय की हेराफेरी की कोशिश की गयी है।

**राज्यभर मे बलौदाबाजार जिले धान खरीदी मामले मे तीसरे नंबर पर** 

इस साल खरीफ वर्ष 2024-25 के तहत 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. धान खरीदी में महासमुंद जिले ने बाजी मारी है. महासुमुंद में कुल 11.04 लाख मीट्रिक टन धान खरीद हुई है. यह राज्य का सबसे सर्वाधिक धान खरीदी वाला जिला है. इसके बाद बेमेतरा जिले में कुल 9.38 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है. तीसरे नंबर पर बलौदाबाजार और भाटापारा जिला है. यहां कुल 8.56 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हुई है। लेकिन इस कीर्तिमान को कुछ सहकारी समितियों द्वारा ग्रहण लगाते हुए किसानो से तौल के दौरान सेंधमारी करने से किसानो को लाखो का चुना समितियों के कर्मचारी द्वारा किया जा रहा है। कर्मचारी के निर्देश पर समिति मे लगे मजदूर जानबूझकर ज्यादा धान को जमीन पर गिराते है जिससे खरीदी के बाद झरण के धान को बेचकर मुनाफा कमा सके।


*कैमरे से दूर झरण धान को पीछे रखे जाने समिति पर उठ रहे सवाल*

राज्य के साय सरकार द्वारा किसानो के हितो को ध्यान मे रखते हुए पारदर्शिता बढ़ाते हुए बहुत से बदलाव जैसे इलेक्ट्रॉनिक तौल, धान खरीदी परिसर मे सुरक्षा की दृष्टि से कैमरे खरीदी कर निगरानी की जा सके ताकि किसान का एक भी दाना भी नुकसान न हो किन्तु समितियों के द्वारा किसान और प्रशासन के आँखों मे धूल झोकते हुए झरण धान को कैमरे से दूर रखते हुए मानो धान को अलग करके बेचे जाने का काम करने की कोशिश की जा रही थी।जबकि समिति द्वारा बताया गया कि हमने चार चार चौकीदार रखे हुए है किन्तु उस दौरान एक भी चौकीदार फड़ मे मौजूद नहीं थे। साथ ही साथ मिनी स्टेडियम मे हो रही संचालित धान खरीदी की ऊचाई करीब साढ़े तीन से अधिक नहीं है और नहीं कोई सुरक्षा की दृष्टि अलग से तार घिरे नहीं होने से चोरी की प्रबल संभावना शत प्रतिशत बढ़ जाती है किन्तु इन सभी बातो को प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) द्वारा दरकिनार कर लापरवाही बरती है। साथ ही साथी झरण धान को पीछे रखे जाने से झरण धान का गोलमाल होने की अति सम्भावना है।

*करीब 90 कट्टा से भी ज्यादा धान झरण मे मिले*

जिला बलौदाबाजार भाटापारा के पलारी विकासखंड के प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) पंजीयन क्रमांक 217 जहाँ धान खरीदी के झरण करीब 90 कट्टा मिले है जबकि अभी पूर्ण रूप से पुरे फड़ की सफाई पूरी नहीं हुई है अभी फड़ के बीचो बीच का जगह की बिछे धान को उठाया नहीं गया है अगर पुरे फड़ की बिछे धान को उठा लिये जायेंगे तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि झरण धान कम से कम 110 कट्टा के करीब मिल जाएगी ऐसे अनुमान है लगाया जा रहा है।

**पूर्व मे भी झरण धान को लेकर विभाग द्वारा जप्ती की कार्यवाही कर चुकी है।**

प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) पंजीयन क्रमांक 217 मे झरण धान को लेकर शिकायत हुई थी जिस पर तत्कालीन तहसीलदार एवं सहकारिता विभाग के जांच के बाद करीब 80कट्टा धान की जप्ती की गयी थी फिर पुनः इस घटना की पुनरावृति प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) के कर्मचारी के कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है आखिर इतनी मात्रा मे धान के झरण होने के पीछे कारण क्या है क्या ये झरण धान के पीछे कोई साजिश या कोई अन्य क्या कारण ये तो जांच के बात ही स्पष्ट होगी। 

**झरण धान के मामले मे क्या कहते है समिति के कर्मचारी **

झरण धान को लेकर संवाददाता को शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत के पुष्टि के लिये प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) पर संवाददाता पहुंचे और फड़ के चारो ओर घूमने के बाद शिकायत की पुष्टि होने पर क़ृषि साख समिति के ऑपरेटर एवं कर्मचारी से पूछे जाने पर उनके द्वारा अलग अलग जवाब दिए जाने लगा ऑपरेटर द्वारा बताया गया कि धान परिवहन करने आये ट्रकों द्वारा धान भरने के दौरान कट्टे के बोरी से धान गिर जाते है तो वही अन्य कर्मचारी से पूछे जाने उनके द्वारा बताया गया धान खरीदी के तौल के दौरान थोड़े थोड़े गिरने से एक मुस्त उठाये जाने से ज्यादा लग रहा है। बाकि इतना तो झरण होता रहता है ये कोई बड़ी बात नहीं है करके पल्ला झाड़ दिए।



*कलेक्टर ने समिति प्रबंधक को से हटाने की कार्यवाही की*

बीते पखवाड़ा मे समिति प्रबंधक घनश्याम वर्मा को धान खरीदी मे लापरवाही बरतने के कारण कार्यवाही करते हुए हटा दिया गया सूत्र द्वारा बताया गया कि हटाने के पीछे कारण मिलरो ने धान की गुणवत्ता एवं धान मे करगा की मात्रा होने के कारण इन्ही शिकायत के पुष्टि होने के बाद कलेक्टर द्वारा प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) पंजीयन क्रमांक 217 के समिति प्रबंधक घनश्याम वर्मा को हटा दिया गय है।


*बड़ा सवाल*

1)आखिर इतनी बड़ी मात्रा मे झरण धान कैसे हुआ?

2)बारिश होने की स्थिति मे झरण धान का रखरखाव किस प्रकार से होती है विचार योग्य है।?

3)क्या ये स्थिति सभी सोसायटीयों का है?


*फड़ मे सामने गाड़ियों के परिवहन के लिये पर्याप्त स्पेस नहीं होने के कारण पीछे झरण धान को रखा गया था और भविष्य मे समिति मे सॉर्टेज़ आती है तो इन्ही झरण धान को पूर्ति की जाएगी।*

किशन वर्मा 

प्राधिकृत अधिकारी (अशा.)प्राथमिक क़ृषि साख समिति दतान(प) पंजीयन क्रमांक 217


*आपके के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है सोमवार को जांच करने जाता है। आगे की कार्यवाही जांच के बाद सुनिश्चित हो पायेगी।*

अशोक साहू वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक 

सहकारिता विभाग जिला बलौदाबाजार भाटापारा 

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