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*महुआ पेड़ काटने वाले के ऊपर हो सही जांच--आवेदनकर्ता*



 *महुआ पेड़ काटने वाले के ऊपर हो सही जांच--आवेदनकर्ता*

*शासकीय आदमी के इशारे में हो रहा अवैध घटनाक्रम*


छत्तीसगढ़ परिदर्शन -बलौदाबाजार।

बलौदाबाजार भाटापारा जिले के कसडोल विकासखंड के क्षेत्र में आने वाला ग्राम पंचायत कोट जहां पर लगभग तीन माह पूर्व एक शासकीय कर्मचारी के इशारों पर उन्हीं के परिवार में ही बनाया जा रहा घर निर्माण में रोड किनारे लगे महुआ पेड़ को काटा गया जिसका आवेदन कर्ता ने तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया तथा जांच हेतु आज पटवारी ग्राम कोट सुबह 10:00 बजे पहुंचे। जहां पर आज महुआ पेड़ के काटने की जगह को देखा गया और वहां पर देखने पर यह मालूम पड़ा की बहुत ही बड़ा गोला आकार में महुआ का पेड़ था और बहुत ही बड़ा पेड़ था जिसे निर्दयतापूर्वक काटा गया है वह भी निजी स्वार्थ लाभ पाने हेतु शासकीय पेड़ काटकर शासकीय जगह में मकान निर्माण किया गया और रोड के दूसरी तरफ भी देखा गया कि इस गांव के ही शायद लग रहा हो कि पारिवारिक आदमी के द्वारा भी दूसरा महुआ पेड़ भी काटा गया और उसे काट कर उपयोग में भी लाया गया और आज दिनांक पर महुआ पेड़ को कटिंग कर उसके ऊपर भी मकान निर्माण किया गया इस प्रकार से दो महुआ पेड़ काटा गया और दोनों ही अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा शासकीय लकड़ी को शासकीय जगह पर मकान निर्माण करते हुए कटिंग करते हुए देखा गया।

एक पेड़ नहीं लगा सकते और कई पेड़ काटे जा रहे हैं 

इस पूरे वाक्य को लेकर के ग्रामीणों ने गहरी चिंता जताई है और विरोध भी जाते हैं कि आज एक पेड़ कोई लगा नहीं सकता और सैकड़ो पैरों को काट काट कर पर्यावरण को निक्ष्ब्ध बनाया जा रहा है जिससे आज पर्यावरण का संतुलन क्षमता तो बिगड़ रहा है पर्यावरण की गरिमा भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है और इसी वजह से हम पर्यावरण से मिलने वाली लाभान्वित चीजों का लुफ्त पहले जैसा नहीं उठा पा रहे हैं और अब उसका परिणाम भी दुष्परिणामों के रूप में भी हम भोग रहे हैं ग्राम कोट में इसी तरह शासकीय लकड़ी को भी काटा गया साथ ही साथ शासकीय जगह में मकान निर्माण किया गया और बड़ी विडंबना है कि हरी भरी पेड़ को काटकर मकान निर्माण किया गया। 

शासकीय कर्मचारी के इशारों में हो रहा काम--आवेदनकर्ता

आवेदन करता ने बताया कि आज पटवारी हमारे ग्राम कोर्ट पर आए थे और जांच भी किया मगर उन्होंने किस तरह से जांच किया और क्या-क्या बातें सामने आई यह तो बाद में ही पता चल पाएगी जब तहसीलदार के कार्यालय में जांच प्रतिवेदन पहुंचेगा तब,मगर यहां पर तो पेड़ काटने वाला कोई और,आरोपी अपने आप को बताने वाला कोई और, और दिखने वाला कोई और इस तरह से सब गोलमाल है इस प्रकार की बातें नजर आ रही है मगर फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पटवारी ने अपने विवेक से क्या प्रतिवेदन बनवाया क्योंकि बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद थे और महुआ पेड़ काटने वाला शासकीय कर्मचारी है और उन्हीं के इशारों में ही वहां पर मकान निर्माण शासकीय जगह पर हो रहा है और उसी के इशारों में ही यह पूरा लकड़ी काटने का कारोबार भी हुआ मगर वह अपने आप को और अपने नौकरी को बचाने के उद्देश्य से दूसरे की ही बलि दे रहा है ऐसा लग रहा है अब यह तो जांच में ही स्पष्ट हो पाएगी की वास्तविक बातें क्या है मगर हम गांव के लोग हैं इसलिए सभी बातें हमें संपूर्ण तरीके से मालूम है कि यह पूरा कार्य द्वेष भाव से हो रहा है फिलहाल हम शासन प्रशासन से आवेदन के माध्यम से भी अनुरोध किए थे और अभी मामला प्रक्रियाधीन है इसीलिए हम यही कहना चाहते हैं कि जिसने जिंदा पेड़ को काटा उसके ऊपर तगड़ी कार्यवाही हो और फिर करके जेल भेजा जाए। पूरे मामले को लेकर के शासकीय कर्मचारी तथा उसके परिवार वालों से भी उनकी राय जानी चाहिए मगर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और मीडिया से बात करने के बजाय बचते हुए नजर आए फिलहाल आज दिनांक में राजस्व अमला के द्वारा महुआ पेड़ की जांच की रूपरेखा तैयार हो चुकी है जल्द ही तहसीलदार का इस विषय पर बयान आएगा।

*पेड़ काटकर मकान निर्माण तथा रोड में अतिक्रमण*

ग्राम कोट पर पहुंचने पर यह देखा गया कि महुआ पेड़ काटकर मकान निर्माण किया गया है और आज दिनांक पर मकान के अंदर ही महुआ पेड़ दब गया मगर दूसरी तरफ 5 लाख की स्वीकृति का 2020 में ग्राम पंचायत के द्वारा सीसी रोड का निर्माण कराया गया जहां पर शासकीय कर्मचारी ने सीसी रोड को ही अतिक्रमण कर दिया और अब बड़ी ही विडम्बना बना है कि तहसीलदार इस पर किस तरह से निर्णय लेते हैं क्या अतिक्रमण का केस फिर शासकीय कर्मचारी के ऊपर बनेगा क्योंकि व्यक्ति पढ़ा लिखा हो और जो पूरे ग्राम पंचायत में नियम का परिपालन कर रहे हो और जो खुद शासकीय कर्मचारी हो और स्वयं शासकीय जगह पर काबिज होकर के मकान निर्माण कराया हो और पक्का मकान निर्माण कर ग्राम पंचायत के ही रोड में कब्जा भी करना मुनासिब नहीं समझना यह किस प्रकार की बातों को दर्शाता है क्या पटवारी ने इसका भी जांच प्रतिवेदन बनाया....

 महुआ पेड़ काटने के समय ग्राम पंचायत की सरपंच, पंच,आवेदक,अनाआवेदन ग्रामीण मौजूद थे।खबर अभी बाकी है वह अगले अंक में सभी पक्षों का बयान लेकर के खबर पुनः प्रकाशित करेगी

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