*ग्राम पंचायत सलोनी में नशामुक्ति की दिशा में क्रांतिकारी कदम, सरपंच व महिला कमांडो ने संभाला मोर्चा*
छत्तीसगढ़ परिदर्शन -पलारी।
पलारी थाना क्षेत्र अंतर्गत अंतिम छोर के ग्राम पंचायत सलोनी में नवनिर्वाचित सरपंच डॉ. बंशी बंजारे के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण सामाजिक अभियान की शुरुआत हुई है। गांव को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि एवं महिला कमांडो ने मिलकर शराबबंदी की पहल की है। यह पहल क्षेत्र में एक नई जागरूकता और सामाजिक सुधार की दिशा में उठाए गए बड़े कदम के रूप में देखी जा रही है। गांव में अवैध रूप से शराब बेचने वालों को चेतावनी देने के साथ ही पंचायत ने थाना पलारी में शराब विक्रेताओं की सूची लिखित रूप में प्रस्तुत की थी, ताकि पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सके। लेकिन जब पुलिस प्रशासन ने अपेक्षित कदम नहीं उठाए, तो गांव के लोगों ने स्वयं आगे आकर इस समस्या से निपटने का निर्णय लिया।
*सरपंच व महिला कमांडो का साहसिक कदम*
सोमवार, 31 मार्च को सरपंच डॉ. बंशी बंजारे के नेतृत्व में महिला कमांडो ने स्वयं अवैध शराब के अड्डों पर छापा मारने का निर्णय लिया। जब वे इस अभियान के तहत गांव में निकले, तो थाना पलारी से कुछ पुलिसकर्मी भी उनके साथ हो लिए। इस संयुक्त अभियान के दौरान पूरे गांव में भ्रमण कर अवैध शराब कारोबारियों के घरों का निरीक्षण किया गया। लेकिन पहले से भनक लगते ही सभी कोचिये अपने घरों एवं शराब निर्माण स्थलों पर ताला लगाकर फरार हो गए, जिससे कोई भी पकड़ा नहीं जा सका। हालांकि, इस कार्रवाई के दौरान एक स्थान पर भारी मात्रा में महुआ लाहन, गैस चूल्हा, बर्तन, ड्रम आदि बरामद किए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह स्थल कच्ची शराब निर्माण का मिनी फैक्ट्री था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाकर शराब सामग्री को नष्ट किया गया। यह अभियान गांववासियों के लिए एक नई उम्मीद और प्रेरणा बनकर सामने आया।
*महिलाओं की पीड़ा और नशा विरोधी अभियान की आवश्यकता*
गांव की महिलाओं ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने बताया कि उनके गांव के किशोर और युवा लडके नशे की लत में फंसते जा रहे हैं, जिससे घरों में कलह, अशांति और विवाद बढ़ रहे हैं। गांव में आसानी से उपलब्ध शराब के कारण युवा से लेकर बुजुर्ग तक नशे के आदी होते जा रहे हैं, जिससे न केवल उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। बतादे कि गांववासी लंबे समय से नशे की मार झेल रहे थे, लेकिन जब शिक्षित और समझदार युवा डॉ. बंशी बंजारे ने सरपंच पद की जिम्मेदारी संभाली, तो लोगों में आशा की एक नई किरण जगी। उनके नेतृत्व में नशा मुक्त गांव बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे अवैध कारोबार करने वालों में दहशत का माहौल व्याप्त है।
*जानलेवा केमिकल का उपयोग क़र बना रहे कच्ची माल*
मेन रोड से 500 मीटर दूर खेत में चला रहे कच्ची माल के मिनी फैक्ट्री में महुआ लहान गैसचूल्हा बर्तन के साथ ही एशियन पेंट कंपनी का प्राइमर और सुपरफिट नामक केमिकल लोशन भी मिला जो शराब निर्माण में प्रयोग किए जा रहे थे।
ग्रामवासियों के बताये अनुसार, शराब के अवैध कारोबारी कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने के लिए हानिकारक केमिकल का उपयोग कर रहे हैं, जिससे यह शराब अत्यंत जहरीली और जानलेवा साबित हो सकती है। इस तरह के केमिकल युक्त शराब का सेवन करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें अंधापन, लिवर फेल्योर और यहां तक कि मृत्यु का खतरा भी शामिल है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आबकारी एवं पुलिस विभाग इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इन अवैध गतिविधियों में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है, जिससे शराब माफिया बेखौफ होकर अपना काम कर रहे हैं।
*पुलिस और आबकारी विभाग की निष्क्रियता उजागर*
इस अभियान ने स्पष्ट रूप से यह दिखा दिया है कि आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं। यदि पुलिस समय रहते इन अवैध कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई करती, तो गांव के लोगों को खुद आगे आकर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह सरकारी व्यवस्था के लिए एक आईना है कि जब प्रशासनिक तंत्र निष्क्रिय होता है, तो आमजन स्वयं अपने अधिकारों के लिए खड़े होते हैं।
*आगे की रणनीति और सामाजिक संदेश*
सरपंच डॉ. बंशी बंजारे ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल एक शुरुआत है और इसे और अधिक सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव के हर नागरिक को जागरूक कर इस बुराई को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया गया है। वे लगातार प्रशासन से भी आग्रह कर रहे हैं कि अवैध शराब बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए।
उनके इस साहसिक कदम की न केवल सलोनी बल्कि आसपास के गांवों में भी चर्चा हो रही है। यह अभियान अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र में नशामुक्ति की लहर दौड़ सकती है। ग्राम पंचायत सलोनी की यह पहल सामाजिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है और इसने दिखा दिया है कि यदि जनता संगठित होकर किसी बुराई के खिलाफ खड़ी हो जाए, तो उसे समाप्त करना संभव है। यह पहल न केवल नशामुक्ति की दिशा में बल्कि सामाजिक जागरूकता की दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक कदम है।

