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रानी जरौद में राशन वितरण घोटाला उजागर, ग्रामीण बोले - "भूखे मरने की नौबत आ गई"

 


रानी जरौद में राशन वितरण घोटाला उजागर, ग्रामीण बोले - "भूखे मरने की नौबत आ गई"

राशन वितरण में भारी अनियमितता, ग्रामीणों को चावल के लिए तरसना पड़ा।

छत्तीसगढ़ परिदर्शन-सिमगा।

सिमगा विकासखंड के ग्राम पंचायत रानी जरौ द में उचित मूल्य दुकान के संचालन में भारी अनियमितताएँ उजागर हुई हैं। पूर्व सरपंच सेवक राम साहू और सेल्समैन राकेश कुमार साहू द्वारा संचालित दुकान में मार्च और अप्रैल माह का राशन बड़ी संख्या में ग्रामीणों को वितरित नहीं किया गया।

फूड इंस्पेक्टर की जांच रिपोर्ट के अनुसार मार्च माह में 105 और अप्रैल माह में 617 राशन कार्डधारियों को चावल नहीं दिया गया। शिकायत करने पर सचिव तेजराम वर्मा ने ग्रामीणों को स्पष्ट शब्दों में कहा, "मैं कुछ नहीं करूँगा, जो करना है कर लो।" ग्रामीणों की शिकायतों को लगातार अनसुना किया जा रहा है।ग्रामीण रामचंद्र(पंच), रामकिशुन ध्रुव(पंच), दाऊ राम(पंच), दयालु(पंच)गणेश राम साहू (पंच) एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो माह से उन्हें उचित मूल्य की दुकान से चावल नहीं मिला है। दुकालू ने कहा, "हमारा परिवार दो समय की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है। छोटे-छोटे बच्चों को भूखा सुलाना पड़ रहा है।"ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि उचित मूल्य की दुकान में हर महीने 28 तारीख को ही देर रात 10 बजे तक वितरण किया जाता है, जिससे बुजुर्ग, महिलाएं और दूर-दराज के लोग राशन नहीं ले पाते।फूड इंस्पेक्टर द्वारा एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का वादा किया गया था, परंतु एक माह बीत जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के जनदर्शन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। बावजूद इसके अब तक जिम्मेदार अधिकारियों या दुकान संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि भूखमरी जैसी स्थिति से निजात मिल सके।

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