*34 साल से सड़क का इंतजार! शासकीय रोपड़ी हसदा अब भी पहुंच मार्ग से वंचित*
*हर साल लाखों पौधे वितरण, लेकिन कर्मचारियों को जान जोखिम में डालकर करना पड़ता है काम*
जोहार छत्तीसगढ़ -बलौदाबाजार।
भाटापारा विकासखंड के ग्राम पंचायत हसदा स्थित शासकीय रोपड़ी का हाल बेहाल है। छत्तीसगढ़ शासन के उद्यानिकी विभाग की यह रोपड़ी वर्ष 1991 में स्थापित हुई थी। 34 साल का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी आज तक यहां पहुंच मार्ग नहीं बन पाया है, जिससे न केवल विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि गांव-गांव में पौधा वितरण का लक्ष्य भी बार-बार बाधित हो रहा है।
हर साल इस रोपड़ी से 50,000 से अधिक फलदार एवं वानिकी पौधों का वितरण किया जाता है। भाटापारा विकासखंड के 91 ग्राम पंचायतों व सभी स्कूलों को वृक्षारोपण हेतु यहीं से निशुल्क पौधे दिए जाते हैं। लेकिन रोपड़ी तक पहुंचने के लिए 600 मीटर कीचड़, बेढंगी पगडंडी और बारिश के समय नदी पार करना आम बात बन चुकी है।
*कर्मचारियों की जान जोखिम में*
वर्तमान में रोपड़ी में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी व श्रमिकों को बरसात के समय नदी पार कर आना-जाना पड़ता है। कीचड़ और दलदल के कारण कई बार दुर्घटनाएं होते-होते बची हैं। विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने कई बार शासन और प्रशासन को लिखित में जानकारी दी, लेकिन आज तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है।
*1500 से अधिक किसान प्रभावित*
रोपड़ी से जुड़े लगभग 1500 किसान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। इनमें वे किसान भी शामिल हैं, जो उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ उठाते हैं। पहुंच मार्ग नहीं होने से पौधों की गुणवत्ता से लेकर समय पर वितरण तक में बाधा आती है।
क्या 34 साल बाद हसदा की रोपड़ी को मिलेगा पक्का रास्ता?
क्या शासन-प्रशासन हर साल होने वाले वृक्षारोपण अभियान की गंभीरता को समझेगा?
या फिर आने वाले वर्षों में भी कर्मचारी कीचड़ व नदी पार कर कार्य करने को मजबूर रहेंगे?
*अब उम्मीद शासन-प्रशासन से*
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों की मांग है कि रोपड़ी को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क का शीघ्र निर्माण कराया जाए ताकि विभागीय कार्य और किसानों को लाभ समय पर मिल सके। अब देखना यह होगा कि समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन व उद्यानिकी विभाग कितना सक्रिय होता है।
