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*प्रदेश सतनामी समाज गिरौदपूरी धाम के पदाधिकारीयों ने मंत्री गुरु खुशवंत से की सौजन्य मुलाकात*


*प्रदेश सतनामी समाज गिरौदपूरी धाम के पदाधिकारीयों ने मंत्री गुरु खुशवंत से की सौजन्य मुलाकात*

*गिरौदपुरी धाम-सोनाखान को संयुक्त विकास प्राधिकरण का दर्जा देने की मांग*

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ पारुदर्शन

शिक्षक दिवस के अवसर पर 05 सितंबर 2025 को प्रदेश सतनामी समाज गिरौदपुरी धाम छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों ने आरंग विधायक एवं कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब से उनके रायपुर स्थित सड्डू निवास पर सौजन्य भेंट कर उन्हें मंत्री बनने पर बधाई दी। इस मौके पर समाज ने अपनी गहरी पीड़ा व भेदभाव के अनुभव साझा करते हुए मांग रखी कि सरकार उन्हें न्याय दिलाए और समाज की मान्यता को उचित दर्जा दे।

प्रदेश सचिव उत्तम टण्डन ने कहा कि बलौदाबाजार सर्किट हाउस के पीछे समाज को आवंटित भूमि पर संत गुरु घासीदास बाबा जी की निशानी सेतखाम स्थापित की गई थी। लेकिन विडंबना यह रही कि असामाजिक तत्वों ने बलौदाबाजार आगजनी घटना के बाद 10 से 12 जून 2024 के बीच उस सेतखाम को आग के हवाले कर दिया। यह केवल एक प्रतीक को जलाना नहीं, बल्कि पूरे समाज की आस्था और सम्मान पर आघात था। टण्डन ने कहा – “हमारे समाज की आवाज को अनसुना कर दिया गया, जबकि सभी वैधानिक कार्यवाही पूरी हो चुकी थी। क्या हमारी पीड़ा केवल इसलिए अनदेखी होती है क्योंकि हम सतनामी समाज से हैं?”

उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि बाबा जी के सम्मान में पुनः सेतखाम की स्थापना कराई जाए और उक्त भूमि पर प्रदेश स्तरीय कार्यालय भवन, बाउंड्रीवाल एवं अन्य निर्माण कार्यों हेतु 50 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की जाए।

प्रदेश अध्यक्ष पी. डी. जहरीले ने कहा कि यह समाज के साथ निरंतर हो रहे भेदभाव का उदाहरण है। उन्होंने याद दिलाया कि 21.07.2022 को भूमि की मांग कर, 22.09.2022 को शासन से स्वीकृति भी मिल चुकी थी। उसके बाद NOC से लेकर पटवारी नक्शा तक की समस्त औपचारिकताएँ पूरी कर ली गईं। यहाँ तक कि सेतखाम स्थापित कर समाज ने दो बार बाबा जी की जयंती भी मनाई, परंतु दुर्भाग्यवश उसे जला दिया गया और आज तक न्याय नहीं मिला।

इसी क्रम में संस्था के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को भी ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गिरौदपुरी धाम और सोनाखान को संयुक्त विकास प्राधिकरण का दर्जा देने की मांग की गई। संस्था का मानना है कि ये दोनों स्थान – संत गुरु घासीदास बाबा जी की तपोभूमि और शहीद वीर नारायण सिंह की कर्मभूमि – विश्वस्तरीय धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। इन्हें विकास प्राधिकरण का दर्जा दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि अब तक उपेक्षित इन स्थलों का तेज़ी से विकास हो सके।

इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश घृतलहरें, कोषाध्यक्ष ज्योतिप्रकाश कुर्रे, महिला अध्यक्ष लक्ष्मी बाई, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष टिकेंद्र खूटे, संस्कृति प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रीतलाल कुर्रे, रायपुर जिला अध्यक्ष भूखन कुर्रे, संभाग अध्यक्ष कुंवर सिंह डहरिया सहित अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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