*बलौदाबाजार में 21 नई शराब दुकानों के विरोध में युवा कांग्रेस का हल्लाबोल*
*23 मार्च कों युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र बंजारे के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन*
छत्तीसगढ़ परिदर्शन -बलौदाबाजार।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में 67 नई शराब दुकानों को खोलने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध के स्वर तेज़ होने लगे हैं। खासतौर पर बलौदाबाजार जिले में 21 नई दुकानों के प्रस्ताव को लेकर स्थानीय जनता और राजनीतिक दलों में नाराजगी है। इस मुद्दे पर जिले में जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसका नेतृत्व जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष शैलेन्द्र बंजारे कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को प्रेसवार्ता कर सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध जताया और स्पष्ट किया कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी। जिला पंचायत सदस्य एवं युवा कांग्रेस का जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र बंजारे ने कहा कि बलौदाबाजार एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भूमि है, जहां बाबा गुरु घासीदास, संत कबीरदास और वीर नारायण सिंह जैसे महापुरुषों के सिद्धांतों की छाया है। यह भूमि हमेशा से सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों और शांति का प्रतीक रही है। लेकिन भाजपा सरकार इस पवित्र जिले में शराब की 21 नई दुकानों को खोलकर युवाओं को बर्बादी की राह पर धकेलना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार एक ओर सुशासन की बात करती है वही दूसरी ओर खुद ही शराब की नई दुकानें खोलने का निर्णय ले रही है। यह सरासर जनता के साथ धोखा है और हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।
*महिलाओं और बच्चों के भविष्य पर खतरा*
शैलेन्द्र बंजारे ने आगे कहा कि सरकार का यह कदम महिलाओं और बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डाल देगा। जब शराब की उपलब्धता बढ़ेगी तो अपराधों में भी वृद्धि होगी। घरेलू हिंसा, सड़क दुर्घटनाएं और सामाजिक अव्यवस्था जैसी समस्याएं जन्म लेंगी, जिसका सीधा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ेगा।
आज भी कई परिवार शराब की वजह से बर्बादी के कगार पर खड़े हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को शराबबंदी की दिशा में कदम उठाने चाहिए, न कि और दुकानें खोलकर समाज को विनाश की ओर ले जाना चाहिए।
*23 मार्च को होगा विशाल धरना प्रदर्शन*
युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने घोषणा की कि 23 मार्च को बलौदाबाजार के गार्डन चौक में कांग्रेस पार्टी एक बड़ा धरना प्रदर्शन करेगी साथ ही जनविरोधी नीतियों और शराब दुकानों के फैसले के खिलाफ जनता के आक्रोश के प्रतीक के रूप में पुतला दहन भी किया जायेगा। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि वे इस विरोध में शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में कांग्रेस और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी। जरूरत पड़ी तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

