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*गंदगी के बीच हुआ राशन वितरण*, *शासन के आदेशों को दिखाया ठेंगा*

 

*गंदगी के बीच हुआ राशन वितरण*, *शासन के आदेशों को दिखाया ठेंगा*

*बम्हनपुरी में स्व सहायता समूह की लापरवाही से राशन वितरण व्यवस्था पर उठे सवाल*

छत्तीसगढ़ परिदर्शन-लवन।

राज्य सरकार द्वारा गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से बारिश के मौसम में एकमुश्त तीन माह का चावल वितरण योजना लागू की गई है, जिससे आमजन में प्रसन्नता देखी जा रही है। लेकिन बलौदाबाजार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हनपुरी में इस योजना को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां स्व सहायता समूह द्वारा अत्यंत गंदगी और अव्यवस्था के बीच राशन का वितरण किया गया, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।ग्रामीणों का आरोप है कि जिस भवन में चावल वितरण किया जा रहा है, वहाँ सीमेंट के बोरे, मलबा और कचरा बिखरा हुआ है। ऐसे में भोजन सामग्री का वितरण अन्न का अपमान है। एक ग्रामीण ने कहा, “हम किसान हैं, जानते हैं कि अन्न का एक-एक दाना कितनी मेहनत से उगता है। ऐसी गंदगी के बीच राशन बांटना अपमानजनक है।”

उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने जिले के समस्त शासकीय उचित मूल्य दुकानों में चावल के सुचारु भण्डारण और स्वच्छ वितरण की सख्त हिदायत दी थी। इसके बावजूद आदेशों की खुली अवहेलना देखने को मिल रही है।

जब इस विषय में ग्राम पंचायत बम्हनपुरी के सरपंच हिस्सा राम पैकरा से जानकारी ली गई, तो उन्होंने बताया कि वे बलौदाबाजार जनपद में हैं। भवन में पंचायत का सीमेंट पहले से रखा हुआ है और चावल की अधिकता के कारण जगह की कमी आ गई है।

राशन वितरण की निगरानी के लिए ग्राम सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जब सचिव मोहन साहू से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि वितरण का कार्य सरपंच के स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “यदि कोई अन्य व्यक्ति वितरण कर रहा होता, तो मैं हस्तक्षेप करता। लेकिन चूंकि कार्य सरपंच द्वारा ही संचालित है, तो मैं क्या कर सकता हूं।”

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस लापरवाही पर कब और कैसे संज्ञान लेता है, और राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना को बदनामी से कैसे बचाया जाता है।

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