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*फुंडरडीह गांव में अब तक नहीं बना शमशान घाट*

 


*फुंडरडीह गांव में अब तक नहीं बना शमशान घाट*

 *तिरपाल के नीचे करना पड़ा अंतिम संस्कार*

पलारी। छत्तीसगढ़ परिदर्शन

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के फुंडरडीह गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बार फिर उजागर हुई है। आज़ादी के 78 साल, राज्य गठन के 25 साल और जिले के अस्तित्व के 13 साल बाद भी गाँव में शमशान घाट जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है। हाल ही में 12 जुलाई को एक ग्रामीण मनहरण वर्मा के अंतिम संस्कार के दौरान बारिश शुरू हो गई, जिससे ग्रामीणों को तिरपाल के नीचे चिता जलानी पड़ी। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे प्रशासन की नींद टूटी है।

गाँव की आबादी लगभग 1800 है, लेकिन न कोई पक्का शेड है, न सुविधाजनक स्थान। ग्रामीण अशोक वर्मा और जनपद सदस्य के पति प्रवीण धुरंधर ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया और तत्काल मुक्ति धाम निर्माण की मांग की है।

फुंडरडीह का यह मामला विकास योजनाओं की हकीकत और मानवीय संवेदनाओं के प्रति सरकारी उदासीनता को उजागर करता है। अब देखना है कि वायरल वीडियो के बाद क्या प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा।

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