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*धान खरीदी केंद्र को लेकर किसानों का विरोध, कलेक्टर से की चकवाय में केंद्र खोलने की मांग*

*धान खरीदी केंद्र को लेकर किसानों का विरोध, कलेक्टर से की चकवाय में केंद्र खोलने की मांग*

बलौदाबाजार।छत्तीसगढ़ परिदर्शन

धान खरीदी सीजन शुरू होने से पहले ही जिले में किसानों की नाराज़गी सामने आने लगी है। सोमवार को सिमगा ब्लॉक के ग्राम चकवाय के सैकड़ों किसान कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और यहां धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। किसानों ने प्रशासन पर यह आरोप लगाया कि चकवाय पंचायत को नजरअंदाज कर तोरा गांव को धान खरीदी केंद्र का दर्जा दिया गया है, जबकि आंकड़ों और सुविधा दोनों दृष्टि से चकवाय में खरीदी केंद्र की आवश्यकता कहीं अधिक है।

किसानों ने ज्ञापन में बताया कि चकवाय पंचायत की आबादी लगभग 2,400 है और यहां का पंजीकृत कृषि रकबा 572.20 हेक्टेयर है। इसके मुकाबले तोरा गांव का कुल रकबा केवल 230.55 हेक्टेयर है। इतना बड़ा अंतर होने के बावजूद तोरा में खरीदी केंद्र स्वीकृत किया गया, जिससे चकवाय के किसानों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि अधिकांश किसान अपनी उपज तुलसी समिति के माध्यम से बेचते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में पंजीकृत किसान होने के कारण उन्हें खरीदी सीजन में लंबी लाइनें और अव्यवस्था झेलनी पड़ती है।


 *पारदर्शिता और सुविधा के लिए चकवाय जरूरी*

किसानों ने यह भी कहा कि तोरा गांव पहले चकवाय पंचायत का आश्रित ग्राम रहा है। ऐसे में किसानों की सुविधा और धान खरीदी की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए चकवाय पंचायत में अलग से खरीदी केंद्र की स्वीकृति मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि यदि चकवाय में केंद्र नहीं खोला गया तो खरीदी कार्य में गड़बड़ी और अव्यवस्था की संभावना और बढ़ जाएगी।


 *कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन*

ज्ञापन सौंपते समय किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो वे समर्थन मूल्य पर धान बेचने से इनकार कर देंगे। किसानों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह निष्पक्षता के साथ निर्णय ले और बड़े रकबे तथा किसान संख्या वाले चकवाय को प्राथमिकता देते हुए धान खरीदी केंद्र की स्वीकृति प्रदान करे।

 अब देखना होगा कि प्रशासन किसानों की इस जायज़ मांग को कब और किस रूप में पूरा करता है।

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